MPTET वर्ग 2 चयन परीक्षा 2025 | UNIT 7 (इकाई 7) वर्ग 2 निर्देशांक ज्यामिति Syllabus Change? MPTET VARG - 2 MAINS

Dharmendra Choudhary
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निर्देशांक ज्यामिति : दी विमीय, कार्तीय पद्धति : Coordinate Geometry: The Dimensional, Cartesian Method

निर्देशांक ज्यामिति: द्विविमीय कार्तीय पद्धति

निर्देशांक ज्यामिति गणित की वह शाखा है जो ज्यामिति को बीजगणित से जोड़ती है। द्विविमीय कार्तीय पद्धति, जिसे कार्तीय निर्देशांक प्रणाली भी कहा जाता है, एक समतल में बिंदुओं की स्थिति को दर्शाने का एक तरीका है। इसका आविष्कार फ्रांसीसी गणितज्ञ रेने डेकार्टेस ने किया था।

मूल अवधारणाएँ:

  • निर्देशांक अक्ष: दो लंबवत रेखाएँ, जिन्हें x-अक्ष (क्षैतिज) और y-अक्ष (ऊर्ध्वाधर) कहा जाता है, एक समतल को चार भागों में विभाजित करती हैं जिन्हें चतुर्थांश कहा जाता है।
  • मूल बिंदु: वह बिंदु जहाँ x-अक्ष और y-अक्ष एक दूसरे को काटते हैं, मूल बिंदु कहलाता है और इसके निर्देशांक (0, 0) होते हैं।
  • निर्देशांक: किसी बिंदु की स्थिति को दो संख्याओं के एक क्रमित युग्म (x, y) द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ x उस बिंदु की x-अक्ष से दूरी (भुज) और y उस बिंदु की y-अक्ष से दूरी (कोटि) होती है।

चतुर्थांश:

  • पहला चतुर्थांश: x > 0 और y > 0 (ऊपर दाएँ)
  • दूसरा चतुर्थांश: x < 0 और y > 0 (ऊपर बाएँ)
  • तीसरा चतुर्थांश: x < 0 और y < 0 (नीचे बाएँ)
  • चौथा चतुर्थांश: x > 0 और y < 0 (नीचे दाएँ)

उदाहरण:

बिंदु (3, 4) का अर्थ है कि बिंदु x-अक्ष से 3 इकाई दाएँ और y-अक्ष से 4 इकाई ऊपर है।

उपयोग:

कार्तीय निर्देशांक पद्धति का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिनमें शामिल हैं:

  • ज्यामिति: आकृतियों और उनके गुणों का अध्ययन।
  • विज्ञान: भौतिकी, रसायन विज्ञान और खगोल विज्ञान में वस्तुओं की स्थिति और गति का वर्णन।
  • इंजीनियरिंग: नक्शे बनाने, इमारतों और पुलों के डिजाइन में।
  • कंप्यूटर ग्राफिक्स: छवियों और एनिमेशन का निर्माण।

कुछ महत्वपूर्ण सूत्र:

  • दो बिंदुओं के बीच की दूरी: यदि दो बिंदु (x₁, y₁) और (x₂, y₂) हैं, तो उनके बीच की दूरी √((x₂ - x₁)² + (y₂ - y₁)²) होती है।
  • मध्यबिंदु: यदि दो बिंदु (x₁, y₁) और (x₂, y₂) हैं, तो उनके मध्यबिंदु के निर्देशांक ((x₁ + x₂)/2, (y₁ + y₂)/2) होते हैं।

अतिरिक्त जानकारी:

  • निर्देशांक ज्यामिति का उपयोग त्रिविमीय (तीन आयामों) में भी किया जा सकता है, जहाँ बिंदुओं को तीन निर्देशांकों (x, y, z) द्वारा दर्शाया जाता है।
  • ध्रुवीय निर्देशांक प्रणाली एक अन्य द्विविमीय निर्देशांक प्रणाली है जो बिंदुओं को मूल बिंदु से दूरी और एक कोण द्वारा दर्शाती है।

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी है। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो कृपया पूछें।

तल में एक बिंदु आलेखित करना जबकि इसके निर्देशक दिए हुए हैं

तल में एक बिंदु आलेखित करना जबकि इसके निर्देशांक दिए हुए हैं

तल में किसी बिंदु को आलेखित करने के लिए, जब उसके निर्देशांक दिए गए हों, तो आपको कार्तीय निर्देशांक प्रणाली (Cartesian coordinate system) की समझ होनी चाहिए। यह प्रणाली दो लंबवत रेखाओं, x-अक्ष (क्षैतिज) और y-अक्ष (ऊर्ध्वाधर), का उपयोग करती है जो एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं जिसे मूल बिंदु (origin) कहा जाता है।

चरण:

  1. निर्देशांकों को पहचानें: एक बिंदु के निर्देशांक को (x, y) के रूप में दर्शाया जाता है, जहाँ x-निर्देशांक (abscissa) x-अक्ष पर बिंदु की स्थिति बताता है और y-निर्देशांक (ordinate) y-अक्ष पर बिंदु की स्थिति बताता है।

  2. मूल बिंदु से शुरू करें: मूल बिंदु (0, 0) वह बिंदु है जहाँ x-अक्ष और y-अक्ष मिलते हैं।

  3. x-अक्ष पर जाएँ:

    • यदि x-निर्देशांक धनात्मक है, तो मूल बिंदु से x इकाइयों को दाईं ओर जाएँ।
    • यदि x-निर्देशांक ऋणात्मक है, तो मूल बिंदु से x इकाइयों को बाईं ओर जाएँ।
  4. y-अक्ष पर जाएँ:

    • यदि y-निर्देशांक धनात्मक है, तो x-अक्ष पर अपनी वर्तमान स्थिति से y इकाइयों को ऊपर जाएँ।
    • यदि y-निर्देशांक ऋणात्मक है, तो x-अक्ष पर अपनी वर्तमान स्थिति से y इकाइयों को नीचे जाएँ।
  5. बिंदु को चिह्नित करें: उस बिंदु को चिह्नित करें जहाँ आपने x और y दिशाओं में गति करने के बाद पहुँचा है। यही वह बिंदु है जिसके निर्देशांक दिए गए थे।

उदाहरण:

मान लीजिए कि हमें बिंदु (3, -2) को आलेखित करना है।

  1. निर्देशांक (3, -2) हैं, जहाँ x = 3 और y = -2 है।

  2. मूल बिंदु (0, 0) से शुरू करें।

  3. चूँकि x = 3 धनात्मक है, मूल बिंदु से 3 इकाइयों को दाईं ओर जाएँ।

  4. चूँकि y = -2 ऋणात्मक है, अपनी वर्तमान स्थिति से 2 इकाइयों को नीचे जाएँ।

  5. उस बिंदु को चिह्नित करें जहाँ आप पहुँचे हैं। यह बिंदु (3, -2) है।

कुछ और उदाहरण:

  • बिंदु (0, 4): यह बिंदु y-अक्ष पर स्थित होगा, मूल बिंदु से 4 इकाई ऊपर।
  • बिंदु (-5, 0): यह बिंदु x-अक्ष पर स्थित होगा, मूल बिंदु से 5 इकाई बाईं ओर।
  • बिंदु (-2, -3): यह बिंदु तीसरे चतुर्थांश में स्थित होगा।

अतिरिक्त सुझाव:

  • ग्राफ पेपर का उपयोग करने से बिंदुओं को अधिक सटीकता से आलेखित करने में मदद मिलती है।
  • प्रत्येक बिंदु को चिह्नित करने के बाद उसके निर्देशांक लिखना सुनिश्चित करें।

मुझे उम्मीद है कि यह व्याख्या आपको समझ में आ गई होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो कृपया पूछें।

दूरी सूत्र, विभाजन सूत्र ,त्रिभुज क्षेत्रफल

दूरी सूत्र, विभाजन सूत्र और त्रिभुज का क्षेत्रफल

निर्देशांक ज्यामिति में, दूरी सूत्र, विभाजन सूत्र और त्रिभुज का क्षेत्रफल महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:

1. दूरी सूत्र (Distance Formula):

यह सूत्र दो बिंदुओं के बीच की दूरी ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है जिनके निर्देशांक दिए गए हैं।

  • मान लीजिए: दो बिंदु P(x₁, y₁) और Q(x₂, y₂) हैं।

  • दूरी सूत्र: P और Q के बीच की दूरी (d) निम्नलिखित सूत्र द्वारा दी जाती है:

    d = √[(x₂ - x₁)² + (y₂ - y₁)²]

  • उदाहरण: बिंदुओं A(2, 3) और B(5, 7) के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।

    d = √[(5 - 2)² + (7 - 3)²] d = √[(3)² + (4)²] d = √(9 + 16) d = √25 d = 5

    अतः, बिंदुओं A और B के बीच की दूरी 5 इकाई है।

2. विभाजन सूत्र (Section Formula):

यह सूत्र उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है जो दो दिए गए बिंदुओं को एक निश्चित अनुपात में विभाजित करता है।

  • मान लीजिए: दो बिंदु P(x₁, y₁) और Q(x₂, y₂) हैं, और एक बिंदु R(x, y) रेखाखंड PQ को m:n के अनुपात में विभाजित करता है।

  • विभाजन सूत्र:

    • आंतरिक विभाजन (Internal Division): यदि R, P और Q के बीच स्थित है, तो:

      x = (mx₂ + nx₁) / (m + n) y = (my₂ + ny₁) / (m + n)

    • बाहरी विभाजन (External Division): यदि R, P और Q के बाहर स्थित है, तो:

      x = (mx₂ - nx₁) / (m - n) y = (my₂ - ny₁) / (m - n)

  • मध्यबिंदु सूत्र (Midpoint Formula): यदि R, PQ का मध्यबिंदु है (अर्थात m = n), तो:

    x = (x₁ + x₂) / 2
    y = (y₁ + y₂) / 2
    
  • उदाहरण: बिंदु (4, -3) और (8, 5) को मिलाने वाले रेखाखंड को 3:1 के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।

    x = (3 * 8 + 1 * 4) / (3 + 1) = (24 + 4) / 4 = 28 / 4 = 7 y = (3 * 5 + 1 * -3) / (3 + 1) = (15 - 3) / 4 = 12 / 4 = 3

    अतः, विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक (7, 3) हैं।

3. त्रिभुज का क्षेत्रफल (Area of a Triangle):

यह सूत्र त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है जब उसके शीर्षों के निर्देशांक दिए गए हों।

  • मान लीजिए: एक त्रिभुज के शीर्ष A(x₁, y₁), B(x₂, y₂), और C(x₃, y₃) हैं।

  • त्रिभुज का क्षेत्रफल:

    क्षेत्रफल = (1/2) |x₁(y₂ - y₃) + x₂(y₃ - y₁) + x₃(y₁ - y₂)|

    यहाँ "|" निरपेक्ष मान (absolute value) दर्शाता है, क्योंकि क्षेत्रफल हमेशा धनात्मक होता है।

  • उदाहरण: एक त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष A(1, 2), B(4, 5), और C(6, 3) हैं।

    क्षेत्रफल = (1/2) |1(5 - 3) + 4(3 - 2) + 6(2 - 5)| क्षेत्रफल = (1/2) |1(2) + 4(1) + 6(-3)| क्षेत्रफल = (1/2) |2 + 4 - 18| क्षेत्रफल = (1/2) |-12| क्षेत्रफल = (1/2) * 12 क्षेत्रफल = 6 वर्ग इकाई

    अतः, त्रिभुज का क्षेत्रफल 6 वर्ग इकाई है।

ये सूत्र निर्देशांक ज्यामिति के महत्वपूर्ण उपकरण हैं और विभिन्न ज्यामितीय समस्याओं को हल करने में उपयोगी हैं।

निर्देशांक ज्यामिति त्रि विमीय :

निर्देशांक ज्यामिति: त्रिविमीय (Three-Dimensional Coordinate Geometry)

द्विविमीय निर्देशांक ज्यामिति में, हम एक समतल पर बिंदुओं की स्थिति को दो निर्देशांकों (x, y) का उपयोग करके दर्शाते हैं। त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति में, हम अंतरिक्ष में बिंदुओं की स्थिति को तीन निर्देशांकों (x, y, z) का उपयोग करके दर्शाते हैं।

मूल अवधारणाएँ:

  • निर्देशांक अक्ष: तीन परस्पर लंबवत रेखाएँ, जिन्हें x-अक्ष, y-अक्ष और z-अक्ष कहा जाता है, त्रिविमीय अंतरिक्ष को आठ भागों में विभाजित करती हैं जिन्हें अष्टांश (octants) कहा जाता है।
  • मूल बिंदु: वह बिंदु जहाँ तीनों अक्ष एक दूसरे को काटते हैं, मूल बिंदु कहलाता है और इसके निर्देशांक (0, 0, 0) होते हैं।
  • निर्देशांक: किसी बिंदु की स्थिति को तीन संख्याओं के एक क्रमित त्रिक (x, y, z) द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ x उस बिंदु की yz-समतल से दूरी, y उस बिंदु की xz-समतल से दूरी और z उस बिंदु की xy-समतल से दूरी होती है।

अष्टांश:

त्रिविमीय अंतरिक्ष में, तीनों अक्ष आठ अष्टांश बनाते हैं। प्रत्येक अष्टांश में x, y और z के चिन्हों का एक अलग संयोजन होता है।

अष्टांशxyz
I+++
II-++
III--+
IV+-+
V++-
VI-+-
VII---
VIII+--

कुछ महत्वपूर्ण सूत्र:

  • दो बिंदुओं के बीच की दूरी: यदि दो बिंदु P(x₁, y₁, z₁) और Q(x₂, y₂, z₂) हैं, तो उनके बीच की दूरी (d) निम्नलिखित सूत्र द्वारा दी जाती है:

    d = √[(x₂ - x₁)² + (y₂ - y₁)² + (z₂ - z₁)²]

  • विभाजन सूत्र: यदि बिंदु R(x, y, z) बिंदुओं P(x₁, y₁, z₁) और Q(x₂, y₂, z₂) को m:n के अनुपात में विभाजित करता है, तो:

    • आंतरिक विभाजन:

      x = (mx₂ + nx₁) / (m + n) y = (my₂ + ny₁) / (m + n) z = (mz₂ + nz₁) / (m + n)

    • बाहरी विभाजन:

      x = (mx₂ - nx₁) / (m - n) y = (my₂ - ny₁) / (m - n) z = (mz₂ - nz₁) / (m - n)

  • मध्यबिंदु सूत्र: यदि R, PQ का मध्यबिंदु है, तो:

    x = (x₁ + x₂) / 2
    y = (y₁ + y₂) / 2
    z = (z₁ + z₂) / 2
    

उदाहरण:

  • बिंदु (2, 3, 4) का अर्थ है कि बिंदु yz-समतल से 2 इकाई, xz-समतल से 3 इकाई और xy-समतल से 4 इकाई दूर है।

  • बिंदुओं A(1, 2, 3) और B(4, 5, 6) के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए:

    d = √[(4 - 1)² + (5 - 2)² + (6 - 3)²] d = √[3² + 3² + 3²] d = √(9 + 9 + 9) d = √27 d = 3√3

उपयोग:

त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिनमें शामिल हैं:

  • भौतिकी: अंतरिक्ष में वस्तुओं की स्थिति और गति का वर्णन।
  • इंजीनियरिंग: 3D मॉडल बनाने, रोबोटिक्स और कंप्यूटर एडेड डिजाइन (CAD) में।
  • कंप्यूटर ग्राफिक्स: 3D छवियों और एनिमेशन का निर्माण।
  • खगोल विज्ञान: तारों और ग्रहों की स्थिति का अध्ययन।

त्रिविमीय निर्देशांक ज्यामिति का अध्ययन करके, हम अंतरिक्ष में वस्तुओं और आकृतियों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और उनका विश्लेषण कर सकते हैं।

दो बिंदुओं के बीच की दूरी, विभाजन सूत्र

दो बिंदुओं के बीच की दूरी और विभाजन सूत्र (Distance Formula and Section Formula)

निर्देशांक ज्यामिति में, दो बिंदुओं के बीच की दूरी और विभाजन सूत्र दो महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं।

1. दो बिंदुओं के बीच की दूरी (Distance between two points):

यह सूत्र दो बिंदुओं के बीच की दूरी ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है जब उनके निर्देशांक दिए गए हों।

  • मान लीजिए: दो बिंदु P(x₁, y₁) और Q(x₂, y₂) हैं।

  • दूरी सूत्र: P और Q के बीच की दूरी (d) निम्नलिखित सूत्र द्वारा दी जाती है:

    d = √[(x₂ - x₁)² + (y₂ - y₁)²]

  • उदाहरण 1: बिंदुओं A(2, 3) और B(5, 7) के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।

    d = √[(5 - 2)² + (7 - 3)²] d = √[(3)² + (4)²] d = √(9 + 16) d = √25 d = 5

    अतः, बिंदुओं A और B के बीच की दूरी 5 इकाई है।

  • उदाहरण 2: बिंदुओं C(-1, -2) और D(3, 1) के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।

    d = √[(3 - (-1))² + (1 - (-2))²] d = √[(4)² + (3)²] d = √(16 + 9) d = √25 d = 5

    अतः, बिंदुओं C और D के बीच की दूरी 5 इकाई है।

2. विभाजन सूत्र (Section Formula):

यह सूत्र उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है जो दो दिए गए बिंदुओं को एक निश्चित अनुपात में विभाजित करता है।

  • मान लीजिए: दो बिंदु P(x₁, y₁) और Q(x₂, y₂) हैं, और एक बिंदु R(x, y) रेखाखंड PQ को m:n के अनुपात में विभाजित करता है।

  • विभाजन सूत्र:

    • आंतरिक विभाजन (Internal Division): यदि R, P और Q के बीच स्थित है, तो:

      x = (mx₂ + nx₁) / (m + n) y = (my₂ + ny₁) / (m + n)

    • बाहरी विभाजन (External Division): यदि R, P और Q के बाहर स्थित है, तो:

      x = (mx₂ - nx₁) / (m - n) y = (my₂ - ny₁) / (m - n)

  • मध्यबिंदु सूत्र (Midpoint Formula): यदि R, PQ का मध्यबिंदु है (अर्थात m = n), तो:

    x = (x₁ + x₂) / 2
    y = (y₁ + y₂) / 2
    
  • उदाहरण 1 (आंतरिक विभाजन): बिंदु (4, -3) और (8, 5) को मिलाने वाले रेखाखंड को 3:1 के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।

    x = (3 * 8 + 1 * 4) / (3 + 1) = (24 + 4) / 4 = 28 / 4 = 7 y = (3 * 5 + 1 * -3) / (3 + 1) = (15 - 3) / 4 = 12 / 4 = 3

    अतः, विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक (7, 3) हैं।

  • उदाहरण 2 (बाहरी विभाजन): बिंदु (1, 2) और (4, 5) को मिलाने वाले रेखाखंड को 2:1 के अनुपात में बाह्य रूप से विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।

    x = (2 * 4 - 1 * 1) / (2 - 1) = (8 - 1) / 1 = 7 y = (2 * 5 - 1 * 2) / (2 - 1) = (10 - 2) / 1 = 8

    अतः, विभाजित करने वाले बिंदु के निर्देशांक (7, 8) हैं।

  • उदाहरण 3 (मध्यबिंदु): बिंदुओं A(-2, 4) और B(6, -2) का मध्यबिंदु ज्ञात कीजिए।

    x = (-2 + 6) / 2 = 4 / 2 = 2 y = (4 + (-2)) / 2 = 2 / 2 = 1

    अतः, मध्यबिंदु के निर्देशांक (2, 1) हैं।

ये सूत्र निर्देशांक ज्यामिति में समस्याओं को हल करने के लिए बहुत उपयोगी हैं, खासकर जब रेखाखंडों की लंबाई, बिंदुओं की स्थिति और ज्यामितीय आकृतियों के बारे में जानकारी की आवश्यकता होती है।


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